नईदिल्ली। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग ने कहा है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2007-2008 और 2010-11 के दौरान पीएफ पर अपनी कमाई की तुलना में कम ब्याज दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ईपीएफ का प्रबंधक है। इसके पांच करोड़ सदस्य हैं।
वित्त वर्ष 2011-12 के लिए ईपीएफओ पर अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करते हुए कैग ने कहा है कि ईपीएफओ के प्रबंधक ने पांच करोड़ सदस्यों को अपनी कमाई की तुलना में कम ब्याज दिया है।
कैग ने कहा है कि 2006-07 और 2011-12 तक की अवधि में सिर्फ दो वित्त वर्ष छोड़ कर सदस्यों को पीएफ पर कमाई की तुलना में कम ब्याज मिला है। सिर्फ वित्त वर्ष 2006-07 और 2011-12 में ही ज्यादा ब्याज मिला है।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2006-07 से लेकर 2011-12 के दौरान पीएफ पर ईपीएफओ की कमाई और सदस्यों को दिए गए ब्याज का विश्लेषण किया है।
ईपीएफओ ने सदस्यों के योगदान की राशि के निवेश से कमाई तो ज्यादा की है लेकिन उन्हें ब्याज कम दिया है। वित्त वर्ष 2006-07 व 2011-12 के दौरान निवेश पर कमाई कम हुई लेकिन सदस्यों को ब्याज ज्यादा मिला।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2006-07 के दौरान ईपीएफओ ने 7,779.63 करोड़ रुपये कमाए और उस साल सदस्यों के खाते में ब्याज के तौर पर 7976.24 करोड़ रुपये जमा कराए।