युवाओं का नेतृत्व युवा ही करें: डॉ शैलेन्द्र श्रीवास्तव

भोपाल/ युवाओं का नेतृत्व युवा ही करे स्वामी विवेकानंद जी के विचारों व चिन्तन से प्रभावित कोई भी आज इस देश के युवाओं का नेतृत्व कर सकता है युवाओं को रोल माडल की आवश्यकता है । बदलते परिदृष्य में अगर युवाओं को कोई समझ सकता है उनकी उर्जा को सकारात्मक दिशा दे सकता है तो वो स्वामी विवेकानंद ही है। 

यह विचार संचालक खेल एवं युवक कल्याण, डॉ शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने नेहरू युवा केन्द्र संगठन द्वारा आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये।  विदित है कि नेहरू युवा केन्द्र संगठन द्वारा युवाओं प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के 150वीं जयन्ती पर पूरे देश में व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है उसी कडी में आज भोपाल में उसका आयोजन  राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल में एक युवा सम्मेलन-सुविचार का आयोजन किया किया गया। 

राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल के संचालक डा0 विजय अग्रवाल द्वारा युवाओं का अव्हान किया कि हताश होने की जरूरत नही है ये देश आपका है आपको ही इसे सवारंना है समस्याऐ तो आती जाती रहेगीं परन्तु सर्वप्रथम अपना चरित्र निर्माण करें देश का निर्माण अपने आप होगा।

नेहरू युवा केन्द्र संगठन के संचालक, दिनेश राय ने कहा कि हमारा देश संस्कारों का देश है जन्म से लेकर मृत्यु तक इंसान सस्कारों व संस्कृति से बधां हुआ है इन संस्कारों एवं संस्कृति व मूल्यों का ह्रास होगा तो देश कमजोर होगा अपने संस्कार व संस्कृति बचाकर रखें।


जागरण यूर्नीर्वसीटी के कुलपति डा0 अनूप स्वपरूप ने सम्बोधन करते हुये कहा कि विवेकानंद जी ने कहा था कि युवा शक्तिमान है,उठो तथा सामर्थशाली बनो। कर्म, निरन्तर कर्म, संघर्ष। पवित्र और निःस्वार्थी बनने की कोशिश करों ,काम क्रोध एवं लोभ इस त्रिविध बन्धन से मुक्त होकर, ईष्र्या तथा अंहकार से बहुत दूर संगठित होकर दूसरों के लिये कार्य करने की आज आवश्यकता है।

सामाजिक परिवर्तन में उत्प्रेरक के रूप में युवा विशेष भूमिका अदा कर सकते है और उनकी असीम शक्ति विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रमों को नयी गति और दिशा प्रदान कर सकती है जो कि हमारे समाज और राष्ट्र की सामाजिक आर्थिक दृष्टि से कायाकल्प कर सकते है।

सांम्प्रदायिकता और क्षेत्रवाद का मुकाबला करना हमारे समय की सबसे बडी चुनौती है। ये शक्तियां समाज में भेदभाव उत्पन्न कर विभिन्न धार्मावलंवियों में परस्पर घृणा और अविष्वास की दीवारे खडी करती है युवाओं को आज संकल्प लेने की आवष्यकता है कि वह युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद एंव गांधी जी के धार्मिक सौहार्द एंव सामाजिक सद्भावना के मूल्यों का और अधिक प्रचार प्रसार किया जाए।

उक्त अवसर पर डा0 राकेश प्रेमी,संचालक जागरण यूर्नीर्वसिटी ने कहा कि युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के षिकागो भाषण जिसे सुनकर सारा विष्व उन्हें विष्व धर्म महा सम्मेलनों के विजेता माने बिना नहीं रह सके और उनके भाषणों को सुनने के लिए अनन्त प्रयास करने लगे। हम भारतीय जो ऐसे वीर ,साहसी,विजयी महापुरूष, श्रृषि मनीषियों के बंषज है, यह हमारा अधिकार बनता है कि हम अपने पूर्वजों को जाने और उन्हें अनुसरण करे। कार्यक्रम का संचालन श्री व्ही0एस0पाण्डेय,उपनिदेषक नेहरू युवा केन्द्र संगठन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री मनोज समाधिया,श्री राजेष मिश्रा, श्री षषांक गुवरेले,श्री राजेन्द्र ष्षर्मा,श्री प्रदीप देषमुख एंव श्री नीरज तिवारी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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